Vehicle Permit कितने प्रकार के होते है? 2025 में जानें किस वाहन के लिए कौन-सा परमिट मिलता है।

Vehicle Permit कितने प्रकार के होते है? जानें किस वाहन के लिए कौन-सा परमिट मिलता है।

पोस्ट की सम्पूर्ण जानकारी।

Vehicle Permit कितने प्रकार का होता है? How Many Types of Vehicle Permit?

हेलो दोस्तों ! आज हम हाजिर है एक नयी जानकारी और नए आर्टिकल के साथ जिसमे हम आपको बताने वाले है की Vehicle Permit कितने प्रकार का होता है ? किस क्षेत्र में कौनसा Vehicle Permit प्रदान किया जाता है। जैसा की हम जानते है भारत में व्हीकल इंडस्ट्रीज काफी फल फूल रही है । ऐसे में किसी भी Vehicle को रोड पर उतारने के लिए आपको सबसे पहले Permit की आवश्यकता पड़ती है।

आमतौर पर परमिट भारत के एक राज्य से दूसरे राज्य में यात्रा करने वाले या माल सप्लाई करने वाले कमर्शियल Vehicles को प्रदान किये जाते है ताकि वे एक स्थान से दूसरे स्थान तक की यात्रा बिना किस रोक टोक के कर सके। लेकिन क्या आप जानते है की भारत में Vehicle Permit कितने प्रकार का होता है? तो आज के इस आर्टिकल में हम Vehicle Permit के प्रकारो के बारे में विस्तारपूर्वक चर्चा करेंगे। Vehicle Permit के प्रकारो के बारे में जानने के लिए आर्टिकल के अंत तक बने रहे?

Vehicle Permit क्या है ? जानें किस Vehicle के लिए कौन-सा परमिट मिलता है।

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मोटर Vehicle Permit भारत की परिवहन मंत्रालय द्वारा जारीकृत एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है। जो आपको भारत के विभिन्न राज्यों में यात्रा करने की अनुमति देता है। यह मुख्यत: दो प्रकार का होता है। प्रत्येक राज्य की सरकार इन दोनों प्रकार के परमिट की मजूरी देती है और जब ड्राइवर एक राज्य से दूसरे राज्य में यात्रा करते है तो उन्हें यह पास रखना होता है । RTO अधिकारी द्वारा मांगे जाने पर इससे दिखाना होता है।

  1. स्थानीय परमिट (local permit) :-
  2. राष्ट्रीय परमिट (National Permit) :-

Vehicle Permit कितने प्रकार का होता है ?

व्हीकल के आधार पर व्हीकल परमिट दो प्रकार का होता है :-

माल वाहक वाहन :-

इसमें वो व्हीकल आते है जिनका कार्य एक राज्य से दूसरे राज्य में माल सप्लाई करना होता है जैसे की ट्रक , ट्रेक्टर और अन्य लोडिंग व्हीकल आदि।

यात्री वाहक वाहन :-

इसके अंतर्गत वो वाहन आते है जिनका कार्य एक स्थान से दूसरे स्थान पर यात्रियों को यात्रा करवाना होता है इसके अंतर्गत ऑटो, टैक्सी , स्कूल बस इत्यादि।

मालवाहक वाहनों को दिए जाने वाले परमिट इस प्रकार है। :-

मालवाहक वाहनों को दिए जाने वाले परमिट इस प्रकार है। :-

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मालवाहक वाहनों के लिए परिवहन विभाग द्वारा मुख्या तोर पर तीन प्रकार के Vehicle Permit दिए जाते है जो की इस प्रकार है।

माल वाहक परमिट:-

इस प्रकार के परमिट परिवहन वाहन अधिनियम 1988 की धारा 79 के तहत दिए जाते है । यह परमिट किसी एक राज्य के भीतर वाहन को चलने के अनुमति देता है। इस प्रकार का परमिट माल ढोने वाली गाड़ियों के लिए जरूरी होता है।

मालवाहक परमिट के काउंटर हस्ताक्षर:-

इस प्रकार के परमिट वो परमिट होते है जो पहले तो किसी एक राज्य द्वारा जारी किये जाते है लेकिन बाद में अधिनियम 1988 की धारा 88 के तहत सम्बंधित राज्य या क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण द्वारा किसी अन्य राज्य में पृष्ठांकित कर दिए जाते है। लेकिन फिर भी यहाँ एक अपवाद है दिल्ली सरकार की 2006 की अधिसूचना के तहत उन मालवाहक वाहनों को परमिट जारी नहीं किया जाता है जिनका वजन 7500 किलो से अधिक होता है। और इसके साथ साथ यदि गाडी क्लीन ईंधन पर नहीं चल रही है तो अधिनियम 1988 की धारा 88 के तहत काउंटर हस्ताक्षर नहीं किये जाते है ।

राष्ट्रीय परमिट (National Permit):- 

इस प्रकार के परमिट उन मालवाहक वाहनों के लिए जारी किये जाते है जिन्हे एक राज्य से बाहर जाकर माल सप्लाई करना होता है। इसके लिए राष्ट्रीय परमिट जारी किये जाते है ताकि वे गृहराज्य से बाहर जा सके। सेंट्रल मोटर वाहन अधिनियम के तहत कम से कम चार लगातार राज्यों के लिए नेशनल परमिट जारी किये जाते है। इस प्रकार के परमिट प्राप्त करने के  लिए किसी भी वाहन की अधिकतम आयु 12 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। हालाँकि मल्टी एक्शल वाहनों के लिए आयु 15 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। इस प्रकार के परमिट के लिए आवेदन करने के लिए उमीदवार को सभी औपचारिकताओं के साथ फॉर्म नंबर 46 और 48 पर जाकर आवेदन करना होगा।

Vehicle Permit के प्रकार संबंधीत जानकारी।

लेख का नामभारत में Vehicle Permit प्रकार
मंत्रालयसड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा
विभागपरिवहन विभाग
श्रेणीसरकारी योजना
आवेदन की प्रक्रियाऑनलाइन
आधिकारिक वेबसाइटparivahan.gov.in

यात्री वाहक वाहनों को दिए जाने वाले परमिट इस प्रकार से है।:-

यात्री वाहक वाहनों को प्रदान किये जाने वाले परमिट अलग अलग होते है जिनका विवरण निम्न प्रकार से है।

 ऑटो रिक्शा और टैक्सी परमिट:

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इस प्रकार के परमिट दिल्ली के अन्दर जारी किये जाते है। इस प्रकार के परमिट को MLO बुरारी द्वारा जारी किया जाता है। इसके तहत वाहनों द्वारा लिए जाने वाले किराये की गणना वाहन में लगे मीटर के द्वारा किया जाता है। इसके लिए पहले किलोमीटर के लिए किराया 8 रुपये है और अतिरिक्त किलोमीटर के लिए 3.50 रुपये है। इसके साथ साथ टैक्सी के लिए यह किराया 10 और 5 रूपये है।

मैक्सी कैब हेतु परमिट :

इस परमिट को भी दिल्ली परिवहन विभाग द्वारा ही जारी किया जाता है इस प्रकार के वाहनों के लिए चार्जेज STA तय करता है। इसके अंतर्गत वाहन में यात्रियों की कुल संख्या ड्राइवर को छोड़ कर 12 से अधिक नहीं होनी चाहिए।

फट फट सेवा परमिट :

इस प्रकार के परमिट उन वाहनों के लिए जारी किये जाते है जो एक विशेष मार्ग पर चलते है इसके साथ साथ ड्राइवर समेत 10 लोगो को लेकर जाते है। इस प्रकार के वाहनों के लिए चार्जेज STA तय करता है।

इको-फ्रेंडली सेवा परमिट :

इस प्रकार के परमिट तिपहिया वाहन जो की बैटरी के प्रयोग से चलते है को प्रदान किये जाते है । इस प्रकार के वाहनों में बैठने की क्षमता 10 होनी चाहिए।

चार्टेड बसों के लिए परमिट :

इस प्रकार के परमिट का उद्देश्य भाड़े और इनाम के रूप में किया जाता है। इसके लिए परमिट धारक और ऑपरेटरो के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर किये जाते है। इसके लिए बस चालक के पास यात्रियों की एक सूचि होती है सूचि में उल्लेखित नाम के आधार पर ही बस चालक एक विशेष रुट पर यात्रा कर सकता है । सूचि में उल्लेखित यात्रियों के नाम के आलावा बस चालक के पास किसी और यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाती है।

स्टेज कैरिज परमिट :

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इस प्रकार के परमिट अधिनियम 1988 की धारा 72 के तहत प्रदान किये जाते है। परमिट विशेषकर डीटीसी बसों और प्राइवेट बसों के लिए आबंटित किये जाते है। इसमें बस चालक यात्रियों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर यात्रा कराने के लिए आबंटित मार्गो का प्रयोग कर बसों का संचालन करते है।

अस्थायी परमिट :

इस प्रकार के परमिट दिल्ली से बाहर वाहनों के लिए STA द्वारा सिमित अवधि के लिए जारी किये जाते है। इसके तहत निम्न करने से वाहन को परमिट जारी किया जाता है। वो वाहन जो शहर के बाहर की सीमा पर चलते है और जिनमे यात्री होते है। दूसरा वो जिनको किसी धार्मिक स्थल या कार्य के लिए जाना हो। तीसरा वो वाहन जिनका जिन्हे मौसमी व्यवसाय के लिए जाना हो इत्यादि ।

मोटर कैब हेतु परमिट :

इस प्रकार के परमिट के लिए निम्न शर्तो को पूरा करना पड़ता है जो इस प्रकार है : वाहन सफ़ेद होना चाहिए। इसके साथ यात्रियों की क्षमता 5 होनी चाहिए। टेलीफोन होना चाहिए जिससे  की यात्री वाहन बुक कर सके। वाहन के लिए पार्किंग की जगह होनी चाहिए।

रेंट-ए-कैब के लिए परमिट :

इस प्रकार के परमिट को पाने के लिए निम्न शर्तो का पालन करना होगा। सबसे पहला आपके पास खुद का एक  टेलीफोन होना चाहिए जो की 24 घंटे चालू रहे। वाहन की पार्किंग के लिए एक जगह हो । इसके लिए उमीदवार को कम से कम 50 गाड़ियों का मालिक होना चाहिए। जिनमे से 50 प्रतिशत वातानुकूलित हो।

संस्थान और स्कूल बसों के लिए परमिट :

इस प्रकार के वाहनों के लिए सोसायटी अधिनियम 1960 के तहत शिक्षण संस्थान बसों को एसटीए द्वारा अनुबंध कैरिज परमिट प्रदान किया जाता है । इस प्रकार के वाहनों को रोड टैक्स से भी छूट मिली होती है। इनकी पहचान के लिए इन वाहनों को सुनहरे पीले रंग में रंगा जाता है। इन् पर शिक्षण संस्थानों का स्वामित्व होता है ।

आल इंडिया टूरिस्ट परमिट (AITP) :

इसके तहत निम्न आधार पर परमिट जारी किया जाता है। यदि वाहन एक बस है तो यह सफ़ेद कलर से पेंट होनी चाहिए। और साथ में लक्जरी बस होना जरूरी है। इस प्रकार की बसों में 5 सेंटीमीटर चौड़ाई का एक नीला रिबन बस की बॉडी के बीच में लगा हो । इसके साथ ही वहां के दोनों छोर पर ” टूरिस्ट ” लिखा होना चाहिए।

निष्कर्ष :

इस प्रकार से आज के इस आर्टिकल में हमने व्हीकल परमिट के प्रकारो और उन्हें कैसे प्राप्त करते है से संबंधित शर्तो पर विस्तार से चर्चा की है। उम्मीद करते है आपको आर्टिकल Vehicle Permit कितने प्रकार का होता है ? जानें किस Vehicle के लिए कौन-सा परमिट मिलता है। पसंद आया होगा । अगर आर्टिकल से जुडी जानकारी पसंद आये तो इसे अपने दोस्तों के साथ अवश्य शेयर करे। धन्यवाद्

मैं बेचलर ऑफ़ आर्ट्स से ग्रेजुएट हूँ। मैंने ब्लॉग लिखने की शुरुआत अपने CSC Center के साथ-साथ की थी, जिसमें अब मुझे 5 वर्षों का अनुभव हो चुका है। वर्तमान में मै Haryana Yojana व Haryana से जुड़े सभी Portal के बारें में Superfast3educatoin.in पर जानकारी शेयर करता हूँ।

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